*नौ तपा*
*🌞🌞नौ-तपा🌞🌞*
25 मई 2018 से एक प्राकर्तिक खगोलीय घटना होनी है जिसे नौतपा कहते हैं।
क्या होता है नौतपा, आइए आज इसे समझते हैं।
*सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते ही नौतपा शुरू हो जाता है, इस बार 25 मई को सूर्य रोहिणी नक्षत्र में शाम को 7 बजकर 53 मिनट पर प्रवेश करेगा जो 3 जून तक इसी नक्षत्र में रहेगा।*
नौतपा साल के वह 9 दिन होते है जब सूर्य पृथ्वी के सबसे नजदीक रहता है जिस कारण से इन 9 दिनों में भीषण गर्मी पड़ती है इसी कारण से इसे *नौतपा* कहते हैं।
सूर्य के वृष राशि के 10 अंश से 23 अंश 40 कला तक नौतपा कहलाता है। इस दौरान तेज गर्मी रहने पर बारिश के अच्छे योग बनते है। सूर्य 8 जून तक 23 अंश 40 कला तक रहेगा। दरअसल रोहिणी नक्षत्र का अधिपति ग्रह चंद्रमा होता है। सूर्य तेज और प्रताप का प्रतीक माना जाता है जबकि चंद्र शीतलता का प्रतीक होता है। सूर्य जब चांद के नक्षत्र रोहिणी में प्रवेश करता है तो सूर्य इस नक्षत्र को अपने प्रभाव में ले लेता है जिसके कारण ताप बहुत अधिक बढ़ जाता है। इस दौरान ताप बढ़ जाने के कारण पृथ्वी पर आंधी और तूफान आने लगते है।
इन दिनों में शरीर तेज़ी से *डिहाइड्रेट* होता है जिसके कारण डायरिया, पेचिस, उल्टियां होने की संभावना बढ़ जाती है अतः नीम्बू पानी, लस्सी, मट्ठा (छांछ), खीरा, ककड़ी, तरबूज, खरबूजे का भरपूर प्रयोग करें, *बाहर निकलते समय सिर को ढक कर रखें अन्यथा बाल बहुत तेज़ी से सफेद होंगे, झड़ेंगे।*
25 मई 2018 से एक प्राकर्तिक खगोलीय घटना होनी है जिसे नौतपा कहते हैं।
क्या होता है नौतपा, आइए आज इसे समझते हैं।
*सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते ही नौतपा शुरू हो जाता है, इस बार 25 मई को सूर्य रोहिणी नक्षत्र में शाम को 7 बजकर 53 मिनट पर प्रवेश करेगा जो 3 जून तक इसी नक्षत्र में रहेगा।*
नौतपा साल के वह 9 दिन होते है जब सूर्य पृथ्वी के सबसे नजदीक रहता है जिस कारण से इन 9 दिनों में भीषण गर्मी पड़ती है इसी कारण से इसे *नौतपा* कहते हैं।
सूर्य के वृष राशि के 10 अंश से 23 अंश 40 कला तक नौतपा कहलाता है। इस दौरान तेज गर्मी रहने पर बारिश के अच्छे योग बनते है। सूर्य 8 जून तक 23 अंश 40 कला तक रहेगा। दरअसल रोहिणी नक्षत्र का अधिपति ग्रह चंद्रमा होता है। सूर्य तेज और प्रताप का प्रतीक माना जाता है जबकि चंद्र शीतलता का प्रतीक होता है। सूर्य जब चांद के नक्षत्र रोहिणी में प्रवेश करता है तो सूर्य इस नक्षत्र को अपने प्रभाव में ले लेता है जिसके कारण ताप बहुत अधिक बढ़ जाता है। इस दौरान ताप बढ़ जाने के कारण पृथ्वी पर आंधी और तूफान आने लगते है।
इन दिनों में शरीर तेज़ी से *डिहाइड्रेट* होता है जिसके कारण डायरिया, पेचिस, उल्टियां होने की संभावना बढ़ जाती है अतः नीम्बू पानी, लस्सी, मट्ठा (छांछ), खीरा, ककड़ी, तरबूज, खरबूजे का भरपूर प्रयोग करें, *बाहर निकलते समय सिर को ढक कर रखें अन्यथा बाल बहुत तेज़ी से सफेद होंगे, झड़ेंगे।*
Radhe Krishna ji
ReplyDeleteराधेकृष्णा जी
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