
सूतक/पातक विचार 〰〰🌼🌼〰〰 हमारे ऊपर आ रहे कष्टो का एक कारण सूतक के नियमो का पालन नहीं करना भी हो सकता है। सूतक का सम्बन्ध “जन्म एवं मृत्यु के” निम्मित से हुई अशुद्धि से है ! जन्म के अवसर पर जो ""नाल काटा"" जाता है और जन्म होने की प्रक्रिया में अन्य प्रकार की जो हिंसा होती है, उसमे लगने वाले दोष/पाप के प्रायश्चित स्वरुप “सूतक” माना जाता है ! जन्म के बाद नवजात की पीढ़ियों को हुई अशुचिता 3 पीढ़ी तक – 10 दिन 4 पीढ़ी तक – 10 दिन 5 पीढ़ी तक – 6 दिन ध्यान दें :- एक रसोई में भोजन करने वालों के पीढ़ी नहीं गिनी जाती … वहाँ पूरा 10 दिन का सूतक माना है ! प्रसूति (नवजात की माँ) को 45 दिन का सूतक रहता है प्रसूति स्थान 1 माह तक अशुद्ध है ! इसीलिए कई लोग जब भी अस्पताल से घर आते हैं तो स्नान करते हैं ! अपनी पुत्री 〰〰〰 पीहर में जनै तो हमे 3 दिन का, ससुराल में जन्म दे तो उन्हें 10 दिन का सूतक रहता है ! और हमे कोई सूतक नहीं रहता है ! नौकर-चाकर 〰〰〰〰 अपने घर में जन्म दे तो 1 दिन का, बाहर दे तो हमे कोई सूतक नहीं ! पालतू पशुओं का 〰〰〰〰〰 घर के पालतू गाय, भैंस, ...