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Showing posts from June, 2018

हनुमान चालीसा का चमत्कार

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          कई लोगों की दिनचर्या हनुमान चालीसा पढ़ने से शुरू होती है। पर क्या आप जानते हैं कि श्री *हनुमान चालीसा* में 40 चौपाइयां हैं, ये उस क्रम में लिखी गई हैं जो एक आम आदमी की जिंदगी का क्रम होता है। माना जाता है तुलसीदास ने चालीसा की रचना बचपन में की थी।  हनुमान को गुरु बनाकर उन्होंने राम को पाने की शुरुआत की। अगर आप सिर्फ हनुमान चालीसा पढ़ रहे हैं तो यह आपको भीतरी शक्ति तो दे रही है लेकिन अगर आप इसके अर्थ में छिपे जिंदगी  के सूत्र समझ लें तो आपको जीवन के हर क्षेत्र में सफलता दिला सकते हैं।  हनुमान चालीसा सनातन परंपरा में लिखी गई पहली चालीसा है शेष सभी चालीसाएं इसके बाद ही लिखी गई।  हनुमान चालीसा की शुरुआत से अंत तक सफलता के कई सूत्र हैं। आइए जानते हैं हनुमान चालीसा से आप अपने जीवन में क्या-क्या बदलाव ला सकते हैं…. *शुरुआत गुरु से…* हनुमान चालीसा की शुरुआत *गुरु* से हुई है… श्रीगुरु चरन सरोज रज,  निज मनु मुकुरु सुधारि। *अर्थ* - अपने गुरु के चरणों की धूल से अपने मन के दर्पण को साफ करता हूं। गुरु का महत्व चालीसा की पहले दोहे की पहली लाइन में लिखा गया है। जीवन

क्यों दी जाती हे दक्षिणा ?

पुनः प्रस्तुत ” दक्षिणा ” देने से ही क्यों मिलता है धार्मिक कर्मों का फल!!!!!!! यजुर्वेद में एक बहुत सुंदर मन्त् है, वह कहता है ब्रह्मचर्य आदि व्रतों से ही दीक्षा प्राप्त होती है अर्थात् ब्रह्मविद्या या किसी अन्य विद्या में प्रवेश मिलता है। फिर दीक्षा से दक्षिणा अर्थात् धन समृद्धि आदि प्रतिष्ठा प्राप्त होती है।  यहाँ दक्षिणा मिलने का अर्थ है दक्षिणा देना, वेद ने यही माना है कि जो देता है उसे देवता और अधिक देते हैं। जो नहीं देता है, देवता उसका धन छीनकर दानियों को ही दे देते हैं। फिर कहता है दक्षिणा से श्रद्धा प्राप्त होती है, और श्रद्धा से सत्य प्राप्त होता है। क्रम है, व्रत –> दीक्षा –> दक्षिणा –> श्रद्धा –> सत्य  मध्य में दक्षिणा है, एक बार दीक्षित हो गए, मार्ग पर बढ़ गए, और फिर दक्षिणा में लोभ किया तो मार्ग नष्ट हो जाता है। इसलिए विद्वानों, गुरु, आचार्य को दक्षिणा और पात्रों को दान देने से ही मार्ग आगे प्रशस्त होता है। दक्षिणा देने से अपने गुरु, आचार्य में श्रद्धा बढ़ती है। गुरु भी अपनी अन्य सांसारिक चिंताओं से मुक्ति पाकर शिष्य या यजमान के कल्याण के लिए और उत्साह

विष्णु जी की महिमा

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*विष्णु सहस्रनाम मंत्र और इसके लाभ* विष्णु सहस्रनाम एक ऐसा मंत्र है जिसमें विष्णु के हजार नामों का सम्मिश्रण है अर्थात अगर कोई व्यक्ति भगवान विष्णु के हजार नामों का जाप नहीं कर सकता है तो वह इस एक मंत्र का जाप कर सकता है। इस एक मंत्र में अथाह शक्ति छिपी हुई है जो कलयुग में सभी परेशानियों को दूर करने में सहायक है। *विष्णु सहस्रनाम स्त्रोत्र मंत्र :-* नमो स्तवन अनंताय सहस्त्र मूर्तये, सहस्त्रपादाक्षि शिरोरु बाहवे। सहस्त्र नाम्ने पुरुषाय शाश्वते, सहस्त्रकोटि युग धारिणे नमः।। *शैव और वैष्णवों के मध्य यह सेतु का कार्य करता है ये मंत्र :-* इस मंत्र की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि हिन्दू धर्म के दो प्रमुख सम्प्रदाय शैव और वैष्णवों के मध्य यह सेतु का कार्य करता है। *विष्णु सहस्रनाम में विष्णु को शम्भु, शिव, ईशान और रुद्र के नाम से सम्बोधित किया है, जो इस तथ्य को प्रतिपादित करता है कि शिव और विष्णु एक ही है।* विष्णु सहस्रानम में प्रत्येक नाम के एक सौ अर्थ से कम नहीं हैं, इसलिए यह एक बहुत प्रकांड और शक्तिशाली मंत्र है, शंकराचार्य और पारसर भट्ट जैसे प्रसिद्ध व्यक्तित्व ने इस पवि

ज्योतिष और रंगो की दुनिया का सच

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Jyotish & Colours : पसंदीदा रंग के अनुसार जानिए स्वभाव से जुड़ी खास बातें Human nature according to favorite color in Hindi : रंगों की पसंद के अनुसार भी किसी व्यक्ति का स्वभाव, अच्छी-बुरी आदतें मालूम की जा सकती हैं। ज्योतिष के अनुसार जैसा हमारा स्वभाव होता है, वैसे ही कलर हमारी पसंद होते हैं। रंगों का ग्रहों से भी गहरा संबंध होता है। ग्रहों के दोषों को दूर करने के लिए अलग-अलग रगों के रत्न धारण किए जाते हैं। व्यक्ति की कुंडली में जो ग्रह अधिक प्रभावी होता है, उसके अनुसार ही व्यक्ति का स्वभाव और पसंद-नापसंद बनती है। यहां कुछ रंगों के नाम दिए जा रहे हैं। इनमें से अपना पसंदीदा रंग चुनिए और जानिए किसी भी व्यक्ति के स्वभाव से जुड़ी अच्छी-बुरी बातें… रंगों के नाम- गुलाबी (Pink) कत्थई (Brown) जामुनी (Purple) लाल (Red) सफेद (White) काला (Black) नीला (Blue) हरा (Green) पीला (Yellow) इन रंगों में से कोई एक रंग चुनें और जानिए स्वभाव से जुड़ी खास बातें…. गुलाबी रंग जिन लोगों को गुलाबी रंग अधिक पसंद होता है, वे जीवन साथी के प्रति काफी भावुक होते हैं और जीवन साथी का ध्यान रखने वा

सुखमय जीवन की शुरवात कैसे करे

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                                      सुखी और श्रेष्ठ जीवन के लिए शास्त्रों में कई नियम और परंपराएं बताई गई हैं। इन नियमों और परंपराओं का पालन करने पर अक्षय पुण्य के साथ ही धन-संपत्ति की प्राप्त होती है, भाग्य से संबंधित बाधाएं दूर हो सकती हैं। यहां जानिए एक श्लोक जिसमें 6 ऐसे काम बताए गए हैं जो भाग्य को भी बदल सकते हैं… विष्णुरेकादशी गीता तुलसी विप्रधेनव:। असारे दुर्गसंसारे षट्पदी मुक्तिदायिनी।। इस श्लोक में 6 बातें बताई गई हैं, जिनका ध्यान दैनिक जीवन में रखने पर सभी प्रकार की बाधाएं दूर हो सकती हैं। 🌷🐚 1. भगवान विष्णु का पूजन करना 🐚🌷 इन 6 बातों में पहला काम है भगवान विष्णु की पूजा करना। भगवान विष्णु परमात्मा के तीन स्वरूपों में से एक जगत के पालक माने गए हैं। श्रीहरि ऐश्वर्य, सुख-समृद्धि और शांति के स्वामी भी हैं। विष्णु अवतारों की पूजा करने पर धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष, सब कुछ प्राप्त हो सकता है। 🐚🌷 2. एकादशी व्रत करना 🌷🐚 इस श्लोक में दूसरी बात बताई गई है एकादशी व्रत। ये व्रत भगवान विष्णु को ही समर्पित है। हिन्दी पंचांग के अनुसार हर माह में 2 एकादशियां आती है। एक